Friday 5 October 2018

Rahul Yadav








ये दिल भी धड़कता है और मेरी सासें भी चलतीं है,
बस ये दिल तुझे दे बैठा हूं,
इस दिल मे अजीब सी कसमकस है,
ज़िंदा तो हूँ पर ये जान तुझे दे बैठा हूँ।

  
    मैंने तो सिर्फ तुझ से मोहब्बत करने की दुआ मांगी है,
 मैंने तो हर दुआ में सिर्फ तेरी वफ़ा मांगी है,
ये ज़माना लाख जले हमारी मोहब्बत से,
मैंने तो सिर्फ तुझसे मोहब्बत करने की सजा मांगी है

   
ज़िन्दगी में कोई टूटे तो उसे सम्भालना सीखो,
ज़िन्दगी में अगर कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो
ये रिश्ते बड़े किस्मत वालों को मिलते हैं,
ज़िन्दगी में रिश्तों को निभाना सीखो।

         
एक आप हो जो कुछ कहतीं नही,
और एक आपकी यादें हैं जो चुप रहती नही।

    


Rahul yadav azamgarh
Rahulyaadav.blogspot.com 


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